सीताराम कहो या बोलो राधे श्याम जग...... सीताराम कहो या बोलो राधे श्याम जग......
चाहत मुझको ऐसी लगी, चाहे श्याम कहूं या राम। चाहत मुझको ऐसी लगी, चाहे श्याम कहूं या राम।
धनुष की टंकार में, पृथ्वी के विनाश में ढूंढो मुझे, मैं कौन हूं मैं कौन हूं। धनुष की टंकार में, पृथ्वी के विनाश में ढूंढो मुझे, मैं कौन हूं मैं कौन...
मेरी ग़म में दुःखी मेरी ग़म में दुःखी
मैं तो नादान हूं जो तुझे एक तरफा प्यार करता हूं मैं तो नादान हूं जो तुझे एक तरफा प्यार करता हूं
जो भी दूजे को हँसाते, ऐसे लोग ख़ूब है भाते। जो भी दूजे को हँसाते, ऐसे लोग ख़ूब है भाते।